योग ऋषि स्वामी लाल जी महाराज के 60 वर्षों की योग सेवा यात्रा की कुछ यादें

श्री राम मुलख दरबार, दिव्य योग मंदिर, कनखल, हरिद्वार सहित दिल्ली, पंचकुला आदि अनेक स्थानों में योग का प्रचार करने वाले चौथी पीढ़ी के योग गुरु स्वामी लाल जी महाराज एक विश्व विख्यात योग आचार्य है. साठ के दशक में आप जर्मनी में योग गुरु स्वामी देव मूर्ति से योग में निष्णात होकर भारत लौट आए. भारत में आकर अपने पूज्य पिताजी के आशीर्वाद से योग प्रचार और योग सेवा में स्वयं को समर्पित कर दिया. महाप्रभु स्वामी रामलाल जी महाराज की दिव्य प्रेरणा से आपने विश्व के 22 देशों में योग को एक पूर्ण चिकित्सा पद्धति व जीवन पद्धति के रूप में सम्मान दिलाया. इस लेख में भारत सरकार के विभागों, दिल्ली पुलिस, विभिन्न विश्वविद्यालयों और विश्व भर की संस्थाओं व अखबारों प्रिंट मीडिया ने स्वामी लाल जी महाराज के प्रति जो आभार व्यक्त किये हैं, उनकी कुछ झलकियाँ यहाँ प्रस्तुत की जा रही है.
1975 से दूरदर्शन में योग प्रचार के कार्यक्रम आपके दिशा निर्देशन में प्रारम्भ हुआ, तब योग इतना अधिक लोकप्रिय नहीं था, जितना आज विभिन्न टीवी चैनलों के माध्यम से प्रसारित हो रहा है. विश्व को योग के चमत्कारों से अचंभित करने का श्रेय देने वालों की सूची में स्वामी लाल जी महाराज का नाम अंकित हो चूका है. वे उस परिवार से हैं जिनका 135 वर्षों का योग साधना सेवा का इतिहास है.