पूज्यपाद स्वामी अविमुक्तेश्वरानन्द सरस्वती जी के जाति को लेकर फैलाये गया झूठ निंदनीय कार्य है-आचार्य मदन

हरिद्वार। 28 सितंबर 22। विश्व हिंदू पीठाधीश्वर आचार्य मदन ने पूज्य पाद जगतगुरु शंकराचार्य स्वामी स्वरूपानंद जी महाराज के उत्तराधिकारी शिष्य ज्योतिष पीठाधीश्वर शंकराचार्य जगतगुरु स्वामी श्री अविमुक्तेश्वरानंद जी के जाति विषय में फैलाए जा रहे भ्रामक प्रचार की निंदा की। ज्योतिष पीठ के वर्तमान शंकराचार्य जगतगुरु स्वामी अविमुक्तेश्वरानंद सरस्वती जी महाराज ना केवल एक धर्मगुरु है अपितु एक क्रांतिकारी राष्ट्रवादी संत है। इनके ज्योतिष पीठ में पीठासीन होने के बाद स्पीड के विवादों से जुड़े दावेदारों और उनके राजनीतिक पक्षकारों द्वारा जो झूठ और भ्रामक प्रचार फैलाया जा रहा है यह सनातन धर्म की हनी करने वाला और आदि शंकराचार्य की परंपराओं का नाश करने वाला है। गौ महासभा के संस्थापक आचार्य अजय गौतम ने बताया कि जैसे ही ज्योतिष्पीठ के शंकराचार्य पद के लिए स्वश्रीः अविमुक्तेश्वरानन्दः सरस्वती जी महाराज का नाम सामने आया वैसे ही कुछ विधर्मी लोगों में खलबली मच गई और कुछ धूर्त साधु के एक गिरोह के इशारे पर इन लोगों ने स्वामी जी के जाति के विषय मे कुछ फर्जी कागजात लाकर उनको अब्राह्मण घोषित कर दिया। दुख इस बात का भी है कि स्वयं पुरी पीठ के आधिकारिक ट्विटर हैंडल से भी स्वामी जी का नाम लिए बिना उन्हें अराजकता का पक्षधर, वर्ण और व्यक्तित्व विहीन घोषित कर दिया गया। लंबे समय से उन्हें भाट या ब्रह्मभट्ट जाति का बता रहे हैं परंतु उनके ही दिए हुए सरकारी कागजों में कही भी ऐसा नही लिखा है कि वो भाट या ब्रह्मभट हैं। बल्कि कई जगह ब्राह्मण ही लिखा है। जाति का यह विषय 2011 का है और उसके कुछ महीने बाद ही यह मामला शांत हो गया था। क्योंकि प्रधान सहित कई गाँवों के लोगों ने लिखित में हस्ताक्षर करके स्वामी जी को ब्राह्मण ही प्रमाणित किया था। सारे साक्ष्य रखने के बाद भी एक गैंग ने जानबूझ कर झूठ बोलना जारी रखा। अभी पिछले 24 तारिक को परमहंसी गंगा आश्रम झोतेश्वर नरसिंहपुर मध्य प्रदेश में पूज्यपाद द्विपीठाधीश्वर शंकराचार्य स्वामी स्वरूपानंद सरस्वती जी महाराज की समाराधना कार्यक्रम में स्वामी अविमुक्तेश्वरानन्द सरस्वती जी के जन्मक्षेत्र उनके गाँव ब्राह्मणपुर सहित आस पास के अनेक गाँवों से हजारों की संख्या में लोग कई बसों में भरकर आये जिनमे अनेक जातियों के लोग थें इसके अतिरिक्त वर्तमान और पूर्व प्रधान भी थें। सैकड़ो ग्रामवासियों के समक्ष स्वामी जी एवं उनके जाति के विषय में पूछा जिसपर लोगों ने खुलकर सच्चाई बताई। प्रतापगढ़ के पट्टी तहसील के लोगों ने स्वामी जी की जाति इटार पाण्डेय की उत्पत्ति सहित इटार पांडेय ब्राह्मणों की वंशावली और इतिहास के बारे में विस्तार से बताया। प्रधान के नाम से जारी पत्र की सच्चाई आदि बहुत कुछ बताया। साथ में ग्रामवासियों ने उनकी जाति के लोगों के खिलाफ झूठ बोलने वालों के खिलाफ कोर्ट जाने की चेतावनी भी दी है। आज भी स्वामी जी का परिवार परम्परा से कर्मकांडी ब्राह्मण परिवार ही है। इनके परिवार के लोग आज भी पूजा पाठ कथा कहते हैं तथा गुजरात आदि में गुरुकुल चलाकर ब्राह्मण बालकों को वेद आदि शास्त्रों की शिक्षा भी देते हैं। इन सब प्रमाणों से यह सिद्ध होता है कि स्वामी अविमुक्तेश्वरानन्द सरस्वती जी महाराज ब्राह्मण परिवार से ही हैं। ये प्रतापगढ के इटार सरयूपारीण ब्राह्मण हैं। सनातन धर्म के प्रति यह षड़यंत्र ही है । एक सच्चे सनातनधर्मी उत्तर भारतीयों के सर्वोच्च गुरु गद्दी के आचार्य उत्तराम्नाय ज्योतिष्पीठाधीश्वर जगद्गुरु शंकराचार्य स्वामी अविमुक्तेश्वरानन्द सरस्वती जी के खिलाफ षड़यंत्र किसके इशारे पर हो रहे हैं ? यह प्रश्न सबके मन में है। आप सब स्वयं देखिए और सुनिए प्रतापगढ़ के लोग जगतगुरु शंकराचार्य स्वामी अविमुक्तेश्वरानन्द सरस्वती जी महाराज के बारे में क्या कह रहे हैं? हर हर महादेव