पंडित नाथूराम गोडसे की आरती का हुआ विमोचन

मेरठ। 2 अक्टूबर 2022। अट्ठारह सौ सत्तावन क्रांति की भूमि मेरठ में स्थापित गोडसे आप्टे धाम के संस्थापक महंत पंडित अशोक शर्मा जी ने गोडसे की आरती का विमोचन किया। इस पावन अवसर पर नगर अध्यक्ष भरत राजपूत वह जिला अध्यक्ष श्री अभिषेक अग्रवाल और हिंदू डिफेंस लीग के राष्ट्रीय अध्यक्ष श्री निशांत जिंदल जी विशेष रूप से उपस्थित रहे गांधी जयंती के अवसर पर शारदा रोड स्थित प्राचीन श्री राधाकृष्ण मंदिर के परिसर में स्थापित गोडसे आप्टे धाम में प्रतिष्ठित वीर हुतात्माओं की प्रतिमा के समक्ष हिंदू महासभा के पदाधिकारियों कार्यकर्ताओं और जनता द्वारा गोडसे की महिमा को समर्पित आरती का गान किया गया। श्री राधा कृष्ण मंदिर के महंत विश्व हिंदू पीठाधीश्वर आचार्य मदन जी ने पंडित नाथूराम गोडसे के जीवन दर्शन पर प्रकाश डालते हुए कहा कि महाकाल की दिव्य प्रेरणा से प्रेरित होकर स्वातंत्र्य वीर मृत्युंजय वीर सावरकर ने अपने परम भक्त पंडित नाथूराम गोडसे और नाना आप्टे को सदैव आशीर्वाद प्रदान किया। हिंदू महासभा के वयोवृद्ध नेता तपोमूर्ति पूजनीय पंडित अशोक शर्मा जी द्वारा जारी आरती सनातन धर्म में एक दिव्य क्रांति का जागरण करने का कार्य करेगी। ऐसे पूजनीय पंडित अशोक जी को कोटि-कोटि नमन ! युगो युगो से भारत भूमि वेदों और धर्म की पावन प्राण स्थली रही है। किंतु भारत के विभाजन में कुटिल भूमिका निभाने वाले राष्ट्र हंता मोहनदास गांधी को देवता बनाने का षड्यंत्र वर्षों से चल रहा है। वर्तमान में मोदी सरकार के दूसरे कार्यकाल में हिंदुओं में एक नई राष्ट्रीय चेतना का विकास हो रहा है। हिंदू समाज अब गांधी और गोडसे के राजनीतिक दृष्टिकोण से धीरे धीरे परिचित हो रहा है और यह ईश्वर की कृपा है कि करोड़ों हिंदुओं में गोडसे के प्रति आदर भाव होने लगा है। अग्रणी समाचार पत्र के संपादक मां सरस्वती के व्रत पुत्रपंडित नाथूराम गोडसे अपने बाल्यकाल से ही एक दैवीय स्वरूप के लिए प्रसिद्ध रहे। बचपन में उनका श्रृंगार एक देवी के रूप में किया गया था। महाकाल की प्रेरणा से ही उन्हें गांधी वध करने का आदेश प्राप्त हुआ था। अपने वध से पूर्व मोहनदास गांधी के मुख से हे राम शब्द निकला था क्योंकि गांधी के समस्त आचरण सनातन धर्म और हिंदुओं के विपरीत थे, इसलिए भक्तों द्वारा उन्हें भगवान राम का प्रिय बताने का कार्य एक भ्रमित करने वाला प्रयास है। अगर यह सत्य हैकि गांधी के मुख से हे राम शब्द निकला तो यह इस कारण रहा कि मृत्यु के समय गांधी को गोल्ड से के रूप में भगवान राम के दर्शन हुए जैसा कि रावण को अंतिम समय में प्रभु श्री राम के भीतर भगवान त्रिलोकी नारायण के ही दर्शन हुए थे। ऐसी ही गांधी को गोडसे का दैवीय स्वरूप अंत समय में भगवान श्री राम के रूप में दिखाई दिया। इसलिए जो भी सनातन धर्मी मेरठ के शारदा रोड स्थित श्री राधा कृष्ण मंदिर के गोडसे आपके धाम में श्रद्धा पूर्वक माथा टेकेगा, निश्चित रूप से भगवान वासुदेव श्री कृष्ण जी महाराज उस भक्त की सारी मनोकामना अवश्य पूर्ण होंगी।
गोडसे की महिमा को समर्पित आरती