श्री बांके बिहारी मंदिर वृंदावन में नियमित संतो को पूजा करने से रोकना धार्मिक अधिकारों का हनन है -पंडित इंद्र मोहन मिश्र

वृन्दावन। 24 अगस्त । अखिल भारतीय तीर्थ मर्यादा परिषद् के सभापति पं इंद्र मोहन मिश्र ने उत्तर प्रदेश की योगी सरकार को पत्र लिखकर मांग की है कि श्री बांके बिहारी जी के नियमित दर्शन करने वाले संत जन व स्थानीय भक्तों को मंदिर जाने से रोकना गलत है, उन्हें हमेशा की तरह श्री बिहारी जी के दर्शन व पूजन की अनुमति हो । श्रीकृष्ण जन्माष्टमी के अवसर पर विश्व प्रसिद्ध बांके बिहारी मंदिर में होने वाली मंगला आरती के समय दर्दनाक हादसे की जांच के लिए योगी सरकार ने पूर्व डीजीपी सुलखान सिंह की अध्यक्षता में जिस कमेटी का गठन किया है, उसकी जांच में लगभग 15 दिन का समय है, तब तक श्री बांके बिहारीजी के नित्य पूजन, भोग व आरती करने वाले भक्तों व संतों के धार्मिक अधिकारों का हनन होता जाएगा। उनके साथ आम धार्मिक पर्यटक भीड़ की तरह व्यवहार न किया जाए।
श्री पंचायती अखाड़ा बड़ा उदासीन के मुखिया महंत दुर्गा दास जी ने जन्माष्टमी की रात को मंदिर में आरती के दौरान दो भक्तों की मृत्यु पर गहरा दुःख व्यक्त करते हुए कहा कि मंदिर प्रबंधक की लापरवाही से यह हादसा हुआ । भविष्य में ऐसा ना हो इसके लिए डीएम से मिलकर ऐसी दुर्घटनाओं की पुनरावृत्ति न हो, मंदिर परिसर में व्यवस्था सुधार कैसे हो को लेकर सुझाव दिया जाएगा। विश्व हिन्दू पीठ के अध्यक्ष आचार्य मदन ने कहा कि वृंदावन स्थित बांके बिहारी मंदिर प्रबंधन समिति के पूर्व अध्यक्ष महेश पाठक द्वारा मंदिर में भगदड़ की घटनाओं को रोकने के लिए श्री बांके बिहारी जी को कहीं अन्यत्र स्थानंतरित करने का सुझाव सही नहीं है। इस स्थान से श्री बिहारी की लीला जुड़ी हुई है। मान्यता है कि बाल स्वरुप में ठाकुर जी रात को निधि वन में रास लीला करते हैं. केवल जन्माष्टमी के दिन ही वह रात के समय अपने भक्तों को दर्शन देते हैं. इसलिए केवल जन्माष्टमी पर मंगला आरती की जाती है.इस स्थान से भक्तों व श्रद्धालुओं की आस्था जुड़ी है, उसके साथ कोई समझौता नहीं किया जा सकता है। मंदिर की प्रबंध व्यवस्था सही हो तो हजारों भक्त आसानी से दर्शन कर सकते हैं।