गुरुकुल बोर्ड बनने से होगा हिंदुत्व का विकास- स्वामी बालाकानंद

नई दिल्ली |  गुरुकुल बोर्ड बनने से होगा हिंदुत्व का विकास और भारतीय संस्कृति की रक्षा के लिए युवा पीढ़ी को संस्कृत निष्ठ बनाने के लिए ठोस कदम उठाने होंगे | ये विचार गत मंगलवार को कांगड़ी विश्वविद्यालय और हिंदू महासभा के संस्थापक हुतात्मा स्वामी श्रद्धानंद जी  के बलिदान दिवस और बनारस हिंदू विश्वविद्यालय तथा हिंदू महासभा के संस्थापक पं. मदन मोहन  मालवीय जी के जन्मदिवस के अवसर पर आनंद पीठाधीश्वर आचार्य महामंडलेश्वर परम् पूज्य स्वामी श्री बालकानंद जी महाराज ने रखे |  कार्यक्रम "श्रेष्ठ" और भारत रक्षा मंच, युवा प्रकोष्ठ के संयुक्त तत्वाधान में आयोजित हुआ |


  मुख्य अतिथि श्री सूर्यकांत केलकर जी ने कहा कि अलग अलग भाषा और खानपान के बावजूद भारत की संस्कृति एक है और दोनों महापुरूषों ने राष्ट्र और संस्कृति को बचाए रखने के लिए, सभी भारतीयों को सूत्रबद्ध करने के लिए विश्वविद्यालयों और हिंदू महासभा का गठन किया। देश की स्वतन्त्रता में इन संस्थानों का बहुत बडा योगदान है। 
विशिष्ट अतिथि श्री डी. के शर्मा जी, को चेयरमैन- दिल्ली बार कोंसिल ने कहा कि दोनों महापुरूषों की सोच से ही स्वतंत्रता के लिए प्रमुखता से कार्य करने वाली आर्य समाज, सनातन, बौद्ध, सिक्ख और अन्य हिंदू समाज हिंदू महासभा के संयुक्त मंच पर एकत्रित हो पाए। 


कार्यक्रम में श्रेष्ठ के महामंत्री वरिष्ठ अधिवक्ता सतेंद्र वशिष्ठ ने घर वापसी आन्दोलन को राष्ट्र स्तर पर चलाने पर जोर देते हुए कहा कि जो लोग भारतीय धर्म में वापस आना चाहते हैं हमारी संस्था उनकी हर संभव सहायता करेगी |


श्रेष्ठ के अध्यक्ष लोकेश शर्मा ने कहा कि स्वामी श्रद्धानंद को सनातन वैदिक धर्म के लिए एक आदर्श पुरुष हैं आज की युवा पीढ़ी को उनके सिद्धांतों का अनुसरण करना चाहिए | 



कार्यक्रम में विश्व हिन्दू पीठ के अध्यक्ष आचार्य मदन ने कहा कि स्वामी श्रद्धानंद एक महान त्यागी तपस्वी आर्यसमाजी थे, पुरानी दिल्ली की जामा मस्जिद में भी उन्होंने मुस्लिम समुदाय को संबोधित किया | वेद व वैदिक धर्म के सच्चे प्रचारक के रूप में स्वामी श्रद्धानंद का जीवन हम सब के लिए प्रेरणीय हैं |


कार्यक्रम में युवा वर्ग की उपस्थिति के बीच शशांक चोपडा, गोविंद मालवीय, प्रवीण चतुर्वेदी ने भी शुद्धि आन्दोलन को प्रचंड करने के समर्थन में विचार रखे। देश में शांतिपूर्ण वातावरण और सर्वसमाज की सुख शांति के लिए आचार्य मदन और मिश्रा जी द्वारा यज्ञ भी किया गया। सहदेव चौधरी ने कार्यक्रम का संचालन